दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने उत्तर भारतीयों को लुभाने के लिए स्वाभिमान यात्रा का ऐलान किया है.
WEB DESK
गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हो रही हिंसा के बीच लोगों के पलायन का सिलसिला जारी है, तो वहीं आम आदमी पार्टी ने पूरे मामले में बीजेपी से लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकार को घेरा है. ‘आप’ नेता दिलीप पांडेय का कहना है कि गुजरात में हो रहे उत्तर भारतीयों पर हमले का बदला 2019 के चुनाव में लोग अपने वोट से लेंगे.
गुजरात में उत्तर भारतीयों पर हो रहे हमलों के चलते हो रहे पलायन पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर पलटवार किया है। कांग्रेस का कहना है कि गुजरात सरकार और केंद्र सरकार राजधर्म निभाने में असफल रही है और मोदी चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं कांग्रेस नेता अल्पेश ठाकोर के बयानों पर कांग्रेस का कहना है कि भाजपा हमेशा अपने कुकर्मों का दोष हमेशा दूसरों पर मढ़ती आई है।
आम आदमी पार्टी ने ऐलान किया है कि वो 12 अक्टूबर को नार्थ ईस्ट दिल्ली में उत्तर भारतीय स्वाभिमान यात्रा निकालेगी. ‘आप’ प्रवक्ता और नार्थ ईस्ट दिल्ली के प्रभारी दिलीप पांडेय ने कहा कि जिस तरह गुजरात में UP और बिहार के लोगों को पीटा जा रहा है, वो बहुत ही शर्मनाक है. देश का संविधान ये कहता है कि आप किसी भी भाषा को बोलने वाले हों, किसी भी राज्य के रहने वाले हों, किसी भी धर्म को मानने वाले हों, आप देश में कहीं भी सम्मान से रह सकते हैं. लेकिन जो गुजरात में हो रहा है वो न केवल संविधान का उलंघन है बल्कि इंसानियत के नाम पर काला धब्बा है.
दिलीप पांडेय ने कहा कि गुजरात में जो बलात्कार की घटना हुई वो प्रशासनिक असफलता का प्रतीक है. इसके बाद गुजरात में UP और बिहार के लोगों को जान से मारने की धमकी दी जाने लगी. जो मिट्टी UP और बिहार के लोगों को रोटी देती है, वो लोग उसे अपनी मां मान लेते हैं. लेकिन उनके साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है.
दिलीप पांडेय ने UP के CM योगी आदित्यनाथ और बिहार के CM नीतीश कुमार से सवाल करते हुए पूछा क्या उनको UP और बिहार के लोगों ने CM नहीं बनाया है? वो क्यों गुजरात की सरकार से सवाल नही कर पा रहे हैं? दिलीप पांडेय ने बिहार और UP से चुने गए सांसदों से भी सवाल किया कि वो क्यों इन घटनाओं पर शांत है?
उधर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “दिल्ली में रह रहे UP और बिहार के लोगों में गुजरात के घटनाक्रम को लेकर बेहद रोष है. मोदी जी, आपसे हमारी प्रार्थना है कि इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं.